विश्व अल्जाइमर दिवस: महिलाओं में अल्जाइमर का खतरा और इसे प्रबंधित करने के उपाय
हर साल 21 सितंबर को दुनियाभर में विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य इस गंभीर न्यूरो-डीजेनेरेटिव डिसऑर्डर के बारे में जागरूकता फैलाना है। अल्जाइमर बीमारी, जिसे आम भाषा में भूलने की बीमारी कहा जाता है, याददाश्त, सोचने की क्षमता और व्यवहार को प्रभावित करती है। दिलचस्प बात यह है कि, जबकि आमतौर पर माना जाता है कि महिलाओं की याददाश्त पुरुषों से बेहतर होती है, लेकिन अल्जाइमर का खतरा महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक होता है।
महिलाओं में अल्जाइमर का बढ़ता खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अल्जाइमर से पीड़ित कुल मरीजों में से दो तिहाई महिलाएं हैं। उम्र बढ़ने के साथ-साथ याददाश्त में कमी की समस्या महिलाओं में अधिक देखी जाती है। यह बीमारी सिर्फ याददाश्त को ही नहीं, बल्कि रोज़मर्रा के कार्यों को करने में भी कठिनाई पैदा कर सकती है।
महिलाओं की याददाश्त कमजोर होने के कारण
- एस्ट्रोजन का प्रभाव: फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के न्यूरोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. प्रवीण गुप्ता के अनुसार, मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में एस्ट्रोजन का स्तर तेजी से गिरता है। एस्ट्रोजन ब्रेन सेल्स को सुरक्षित रखता है और हिप्पोकैम्पस के कामकाज में मदद करता है। एस्ट्रोजन के स्तर में कमी से ब्रेन की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज होती है, जिससे अमाइलॉइड प्लाक और टाउ टैंगल्स नामक प्रोटीन जमा होते हैं, जो ब्रेन सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं।
- मानसिक तनाव: मनस्थली वेलनेस की निदेशक डॉ. ज्योति कपूर बताती हैं कि मानसिक तनाव भी अल्जाइमर के विकास में एक महत्वपूर्ण कारक है। तनाव, उम्र के बावजूद, महिलाओं में अल्जाइमर को ट्रिगर कर सकता है।
अल्जाइमर के लक्षण
अल्जाइमर बीमारी के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और इसमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
- किसी बात को बार-बार दोहराना
- चीजों को गलत स्थान पर रखना और भूल जाना
- परिवार के सदस्यों और रोजमर्रा की चीजों के नाम भूल जाना
- बातचीत करने में कठिनाई होना
ब्रेन हेल्थ को बनाए रखने के उपाय
अल्जाइमर के खतरे को कम करने और ब्रेन हेल्थ को बनाए रखने के लिए निम्नलिखित उपाय करें:
- संतुलित आहार: अपनी डाइट में फल, सब्ज़ियाँ और ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल करें। ये सभी मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं।
- माइंडफुलनेस मेडिटेशन: नियमित रूप से ध्यान और माइंडफुलनेस मेडिटेशन का अभ्यास करें। यह तनाव को कम करने और न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों के जोखिम को घटाने में मदद कर सकता है।
- सक्रिय जीवनशैली: शारीरिक गतिविधियों में भाग लें, जैसे कि योग, चलना, या कोई खेल खेलना।
- सामाजिक संपर्क: अपने दोस्तों और परिवार के साथ नियमित रूप से संपर्क बनाए रखें। सामाजिक जुड़ाव मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
विश्व अल्जाइमर दिवस हमें याद दिलाता है कि अल्जाइमर जैसी बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाना कितना जरूरी है, खासकर महिलाओं के लिए। एस्ट्रोजन के स्तर में कमी और मानसिक तनाव जैसी समस्याओं से निपटने के लिए सही कदम उठाना आवश्यक है। याद रखें, स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सक्रियता और सही जानकारी सबसे महत्वपूर्ण है। अल्जाइमर के लक्षणों को पहचानें और समय पर चिकित्सीय सलाह लें, ताकि आप एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकें।